दिल की बातें: हिंदी शायरी में प्यार के मधुर छंद | Love shayari in Hindi
मैंने कब कहा के मुझकों अबके अब समझ के देख…
फ़ुर्सत मिले दुनियां से मुझकों तब समझ कर देख…
तू है अगर हवा तो मुझे परिन्दा मान ले…
तू है अगर दरिया तो मेरी तलब समझ कर देख…
मैंने कब कहा के मुझकों अबके अब समझ के देख…
फ़ुर्सत मिले दुनियां से मुझकों तब समझ कर देख…
तू है अगर हवा तो मुझे परिन्दा मान ले…
तू है अगर दरिया तो मेरी तलब समझ कर देख…