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Gulzar Sahab ki shayari | गुलज़ार साहब की शायरियाँ

GULZAR SHAYRI

नमस्कार !

गुलजार साहब की शायरिया (gulzar ki shayari) अपने आप मे एक अलग पहचान रखती है , जिसे हमे बताने के जरुरत नही | उन्ही बेशकीमती शायरियो में से कुछ चुनिन्दा शायरियों को हम आप तक पंहुचा रहे , अगर आपको पसंद आये तो COMMENT BOX में जरुर बताये ……..

SHORT INTRODUCTION – संक्षिप्त परिचय

FULL NAME Sampooran Singh Kalra
BORN 18 August 1934 (age 87 years) ,DINA , PUNJAB, INDIA
SPOUSE RAKHEE GULZAR
CHILDREN MEGNA GULZAR
AWARDSSahitya Akademi Award (2002) , Padma Bhushan (2004), Dadasaheb Phalke Award (2013), Academy Award for Best Original Song (2008)
GULZAR SAHAB

Gulzar Sahab Shayari in Hindi

जो कहना था तुमसे,
कागज से कह गए,,

यू लिफाफे में बंद मेरे,
अरमान रह गए,, 🥀
gulzar sahab sad shayari in hindi
GULZAR KI SHAYARI

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भरोसा,  जो हर किसी पे नहीं होता है
और जब टूटता है इक दफा तो,
फिर किसी पर भी नहीं होता है।
बेच दू क्या सारी ! 
परेशानियो को....

मौत अच्छा
दाम दे रही है...
लक्ष्य कोई “ बड़ा ” नही . . . 
हारा वही जो “ लड़ा ” नही । ✅
#गुलज़ार साहब🌷🌷

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में

शाम के साए बालिश्तों से नापे हैं
चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में

रात गुज़रते शायद थोड़ा वक़्त लगे
धूप उन्डेलो थोड़ी सी पैमाने में

जाने किस का ज़िक्र है इस अफ़्साने में
दर्द मज़े लेता है जो दोहराने में

दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है
किस की आहट सुनता हूँ वीराने में

हम इस मोड़ से उठ कर अगले मोड़ चले
उन को शायद उम्र लगेगी आने में....
#गुलज़ार_साहब🌷🌷

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसाँ उतारता है कोई

दिल में कुछ यूँ सँभालता हूँ ग़म
जैसे ज़ेवर सँभालता है कोई

आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई

पेड़ पर पक गया है फल शायद
फिर से पत्थर उछालता है कोई

देर से गूँजते हैं सन्नाटे
जैसे हम को पुकारता है कोई
तुम्हारा एक पल साथ खरीदने के लिए...
थोड़ी-थोड़ी ज़िन्दगी रोज़ बेचते हैं हम...
हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाखाने में...
कुछ दर्द चले जाते है, दोस्तो के साथ मुस्कुराने में...
जलने वाले की दूआ से ही सारी बरकत है,
🌴💔🌴
वरना अपना कहने वाले तो याद भी नही करते ।
दर्द आँखों से निकला तो सबने बोला
कायर है ये
जब दर्द लफ़्ज़ों से निकला तो सब बोले
शायर है ये...
कभी बेपनाह बरसी, तो कभी गुम सी हैं... 

ये बारिशें भी कुछ कुछ तुम सी हैं...
छुपी होती है लफ्जों में बातें दिल की! 
लोग शायरी समझ के बस मुस्कुरा देते हैं.!
किताब ए इश्क़ में क्या कुछ दफ़्न मिला, 


मुड़े हुए पन्नों में एक भूला हुआ वादा मिला !!💔
अब तलक ये समझ न पाए हम ग़म तिरा क्यूँ ख़रीद लाये हम?


इक हवेली थी मोम की अपनी छत पे सूरज उतार लाये हम ।।
पेड़ हूं...
हर रोज़ गिरते हैं पत्ते मेरे,

फिर भी हवाओं से...
बदलते नहीं रिश्ते मेरे.

Heart touching Gulzar shayari

gulzar ki shayari

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होती नहीं है मोहब्बत सूरत से,
मोहब्बत तो दिल से होती है,
सूरत उनकी खुद-ब-खुद लगती है प्यारी,
कदर जिनकी दिल में होती है..!!
एक सिलसिले की उम्मीद थी जिनसे;
वही फ़ासले बनाते गये!
हम तो पास आने की कोशिश में थे;
ना जाने क्यूँ वो हमसे दूरियाँ बढ़ाते गये!
मशहूर होने का शौक़ किसे है...... 
मुझे तो मेरे अपने ही ठीक से पहचान लें तो भी काफ़ी है....
अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो……….,
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो…….,
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना ….!
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो !
उम्र भर गालिब यही भूल करता रहा...!! 
धूल चेहरे पर थी ओर आईंना साफ करता रहा..!!
जो रहते हैं दिल मे वो कभी जुदा नही होते,
कुछ एहसास दिल के लफ़ज़ो से बयान नही होते...
एक हसरत है की हम भी उनको मनाए कभी और एक वो हैं के हमसे कभी खफा नही होते....।
जनाजा मेरा उठ रहा था;
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में;
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी;
और कितनी देर है दफनाने में!

प्रेम मतलब……

आप रहने दीजिए……से लेकर…..
मेहरबानी करके आप तो रहने ही दो….
तक का सफर…..😊😊😊😊😊

प्रेम मतलब…..

अजी सुनते हो, से लेकर……
बहरे हो गए हो क्या…..?????
तक का सफर……😊😊😊😊

प्रेम मतलब……

आप मुझे नसीब से मिले हो…..
से लेकर…..
नसीब फूटे थे, जो आप मिले…..
तक का सफर…..😊😊😊😊

प्रेम मतलब……

तुझको ही याद कर रही थी से लेकर…..
याद करने के अलावा और भी बहुत काम हैं…..
तक का सफर….😊😊😊

प्रेम मतलब….

तेरे जैसा कोई नहीं……से लेकर
तेरे जैसे बहुत देखे हैं…..
तक का सफर…..😊😊😊😊

प्रेम मतलब……

कहाँ गई थी जान….से लेकर….
कहाँ मर गई थीं…..
तक का सफर……😊😊😊😊

*✍खुद को समेट के, खुद में सिमट जाते हैं हम.....*

*🌿एक याद उसकी आती है.....फिर से बिखर जाते है हम.....*
💔💔

Gulzar Shayari on Love

gulzar shayari

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मंज़िल न दे चराग़ न दे हौसला तो दे,
तिनके का ही सही तू मगर आसरा तो दे

मैंने ये कब कहा के मेरे हक़ में हो जवाब,
लेकिन ख़ामोश क्यूँ है तू कोई फ़ैसला तो दे

बरसों मैं तेरे नाम पे खाता रहा फ़रेब,
मेरे ख़ुदा कहाँ है तू अपना पता तो दे

बेशक मेरे नसीब पे रख अपना इख़्तियार,
लेकिन मेरे नसीब में क्या है बता तो दे.....
कुछ ख़त आज फिर
डाकघर से लौट आये,

डाकिया बोला जज़्बातों का
कोई पता नहीं होता।
दर्द से दूर जो रहते हैं बिखर जाते हैं                                  दर्द को झेलने वाले ही निखर पाते हैं ~
रिश्तों के दलदल से, कैसे निकलेंगे;

जब हर साज़िश के पीछे, अपने निकलेंगे!
वो बात करने तक को राजी़ नही है
.
.
और हम होली पर रंग लगाने की हसरत जमाये बैठे हैं !!
राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक
बहाना था
दुनिया को प्यार का सही मतलब
जो समझाना था.🌷
तुम पुछो और मैं ना बताऊँ, अभी ऐसे हालात नहीं……
बस एक छोटा सा दिल टुटा है,और कोई बात नहीं….
मैं ख्वाहिश बन जाऊँ और तुम रूह की तलब
बस यूँ ही जी लेंगे दोनों मोहब्बत बनकर😘
बहुत करीब आ जाते हैं वो लोग, 

जो बिछड़ने का पहले से इरादा रखते हैं .....✍
मोबाईल बजता रहता है तकिये के बगल में......

रिश्ते खामोश हो कर कब के सो गए.....

😌😌😌😌😌😌😌
काश यूँ ही प्यार से गुज़रे हर शाम हमारी,

मेरे होठों की खुशी बनो तुम और मैं तुम्हारी

Gulzar ki Shayari

gulzar shayari

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वो अनजान चला है,,

जन्नत को पाऩे के खातिर..

बेखबर को इत्तला कर दो,,

कि माँ-बाप घर पर ही है...
"सुनो"

शिकायत मौत से नहीं,,

अपनों से थी...

जरा सी आँख बंद क्या हूई,,

वो कब्र खोदने लगे...


💔💔🌹💔💔
अगर अपनी किस्मत लिखने का जरा सा भी हक हो मुझे...
तो अपने नाम के साथ तुझे हर बार लिखुं..।।
छू जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर..,
ये दुनिया तो खामखां कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं..
तो क्या हुआ गर महंगे खिलौने के लिए जेब में पैसे नहीं..

मैं वक्त देता हूँ मेरे बच्चों को..जो अमीरों को मयस्सर नहीं..!
नींद आए या ना आए...
चिराग बुझा दिया करो ❤️
यूँ रात भर किसी का जलना,
अच्छा नही लगता ...
कुछ तो नाम था उसका जिसने मुझे बेनाम कर दिया,,,
कुछ दोस्तों तो कुछ महफ़िल में बदनाम कर दिया,,,
खुद तो हाथ थाम कर दुसरे का चले गए वो....
और हमारी मोहब्बत को सरेआम कर दिया.... 💔
एक कविता ऐसी लिखूं जो तेरी आँखों में दिखाई दे...

जो आँखें बंद भी करलू तो तुझे सांसो में सुनाई दे☝🏻😌
💞 तुम अगर चाहो तो पूछ लिया करो खैरियत हमारी..

कुछ हक़ दिए नही जाते ले लिए जाते है ...💞
आईना मेरा,
मेरे अपनों से बढ़कर निकला


जब भी मै रोया,
कमबख्त मेरे साथ ही रोया........
पता नही होश में हूँ
या बेहोश हूँ मै
पर बहुत सोच समझकर
खामोश हूँ मै
gulzar ki shayari
चल आ तेरे पैरो पर मरहम लगा दूं ऐ मुक़द्दर.
कुछ चोटे तुझे भी आई होगी,
मेरे सपनो को ठोकर मारकर।
तुम  अपनी 'हद्द' में रहा करो,
........
आजकल  बे'हद्द'  याद आने लगे हो 💙
सामने मंज़िल थी और पीछे उस की आवाज़ ,
रुकता तो सफर जाता ,चलता तो बिछड़ जाता ,

मयखाना भी उसी का था ,महफ़िल भी उस की ,
अगर पीता तो ईमान जाता ,न पीता तो सनम जाता ,

सजा ऐसी मिली मुझ को ,ज़ख़्म ऐसे लगे दिल पर ,
छुपाता तो जिगर जाता ,सुनाता तो बिखर जाता ……!!!
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी.. 
पर चुप इसलिये हु कि जो दिया तूने वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता !!
इश्क_की दुनिया के कायल सब है , 

कोई_कह देता है,_कोई छुपा लेता है मगर घायल सब है...😘
रात के इस सन्नाटे में हमने क्या-क्या धोके खाए है, 
अपना ही जब दिल धड़का तो हम समझे वो आए है
जिंदगी में प्यार क्या होता है वो उस शख्स से पूछो,
जिसने दिल टूटने के बाद भी इंतजार किया हो !!
पैसों के लिये नाता तोड़ने वाले ..
पैसा छुपाने के लिये रिश्तेदार ढूँढ रहे हैं ..
चाहत बन गए हो तुम कि आदत बन गए हो तुम💙हर सांस में यू हो जैसे मेरी इबादत बन गए हो तुम💙
 हक़िक़त मे जीना जब आदत  बन जाती है,
 ख्वबोन की दुनिया बेरंग नजर  आती है .
 कोई इंतेजार करता है जिंदगी के लिए
 किसी की जिंदगी इंतेजार  मे ही गुझर जाती है  !!! ❤️
हम कुछ ना कह सके उनसे,
इतने जज्बातों के बाद,

हम अजनबी के अजनबी ही रहे इतनी मुलाकातो के बाद..!

✍🏻😎👈
अभी तक ज़िंदा हूँ मैं तेरे सितम उठाने के लिये,
तरकीब कोई और है तो आजमा ले दिल दुखाने के लिये !!
✍🏻✍🏻 तन्हाइयों के लम्हें अब तेरी यादों का पता पूछते हैं...!!
✍🏻✍🏻 तुझे भूलने की बात करूँ तो ये तेरी खता पूछते हैं...!!
तनहइयो के आलम की ना बात करो जनाब;
नहीं तो फिर बन उठेगा जाम और बदनाम होगी शराब।
शिकायतों  की पाई-पाई जोड़कर रखी थी मैंने, उसने गले लगाकर सारा हिसाब बिगाड़ दिया
ज़रा सी मोहब्बत
क्या पी ली...🍺🍾

जिंदगी अब तक
लडखडा रही है...
🌹❤🌹😉
ज़िन्दगी के इस रण में
खुद ही कृष्ण और
खुद ही अर्जुन बनना पड़ता है
रोज़ अपना ही सारथी
बनकर जीवन की
महाभारत को लड़ना पड़ता है ।
बड़ी मुस्किल से सीखा है खुश रहना उन के बगैर 
अब सुना है ये बात भी उन्हे परेशांन करती है॥
gulzar ki shayari IN HINDI
gulzar ki shayari
रुलाया ना कर हर बात पर 
ए जिंदगी...😔😔
,
जरूरी नहीं सबकी किस्मत में
चुप कराने वाले हो... 😢😢
मिट्टी के घरों में लोग 
मेरी ख़िदमत में खड़े थे..

औकात में तो थे छोटे..
मगर इंसानियत में बड़े थे.
हम नादान अच्छे है दुनियाँ के समझदार लोगों से...........! 
हम अपने खवाब जरुर तोड़ते है पर किसी का दिल नहीं..!!❤❤
रात भर भटका है मन मोहब्बत के  पते पे

चाँद कब सूरज में बदल गया पता नहीं चला
🌹शायरी 💟:
ज़हर तो ख्वामखाह ही बदनाम है..

नज़र घुमा कर देख लो..

शक्कर से मरने वालों की तादाद बेशुमार हैं..

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